राज्यपाल ने पुष्य नक्षत्र में बच्चों को कराया स्वर्ण प्राशन

देहरादून। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को पुष्य नक्षत्र में बच्चों को स्वर्ण प्राशन कराया। राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में उन्होंने दिव्यांग छात्र-छात्राओं को स्वर्ण प्राशन की बूंदें पिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि स्वर्ण प्राशन संस्कार का उद्देश्य बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है।



आयुर्वेद विवि और एनआईईपीवीडी की ओर से संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्यपाल ने संस्थान परिसर में हेलन केलर पार्क और अष्टावक्र सभागार का लोकार्पण किया। साथ ही संस्थान के कैलेंडर, पुस्तकों और ब्रेल लिपि में बनाए गए नक्शों का विमोचन भी किया। साथ ही आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर, गौशाला और दिव्यांग हाट का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि प्राचीन आयुर्वेद में स्वर्ण प्राशन का विशेष महत्व बताया गया है। उन्होंने संस्थान को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की। राज्यपाल ने स्वर्ण प्राशन कार्यक्रम में योगदान देने वाले आयुर्वेद चिकित्सकों को भी सम्मानित किया। राज्यपाल ने छात्रों की मांग पर संस्थान में पीएचडी और एमफिल पाठयक्रमों के संचालन के लिए संबंधित विभागों को निर्देश भी दिए।
विधायक गणेश जोशी ने जल्द ही हंस फाउंडेशन के सहयोग से संस्थान को एंबुलेंस उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. सुनील कुमार जोशी ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र के अनुसार स्वर्ण प्राशन की दवा पुष्य नक्षत्र में बेहद लाभकारी साबित होती है। 16 वर्ष तक आयु के बच्चों का मानसिक विकास इससे तेजी से होता है। यह बच्चों को कई बीमारियों से बचाने में भी उपयोगी है। उन्होंने पूरे प्रदेश के बच्चों को यह दवा पिलाने की मांग की। इस अवसर पर एनआईवीएच के निदेशक प्रो. नचिकेता राउत, संयुक्त सचिव डा. प्रबोध सेठ, आयुर्वेद चिकित्सक, शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रही।
बच्चे से गिफ्ट पाकर खुश हुईं राज्यपाल
कार्यक्रम में एक दृष्टि दिव्यांग बच्चे ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को ऊन से बनाया गला फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। राज्यपाल को यह बेहद पसंद आया। उन्होंने बच्चे की रचनात्मकता की जमकर तारीफ की। उन्होंने संस्थान के निदेशक को ऐसे गुलदस्ते ज्यादा संख्या में बनवाने का सुझाव दिया।