दून स्टेशन पर दिखेगीन्न धरोहरों की

देहरादून। दून रेलवे स्टेशन पर उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखेगी। चारधाम के अलावा मां नंदा देवी राजजात समेत विभिन्न पौराणिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को पेंटिंग के माध्यम से फ्लैक्स पर उकेरा गया है।



 

दून स्टेशन के यार्ड री-मॉडलिंग के ऑपरेशनल कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। इसके बाद अधिकारियों की ओर से कार्यदायी संस्था को स्टेशन की साज सज्जा पर फोकस करने को कहा गया है। इसी क्रम में चारधाम के साथ-साथ, हिमालय कुंभ के नाम से प्रसिद्ध विश्व की सबसे लंबी नंदा देवी राजजात यात्रा के दृश्यों वाले फ्लैक्स लगाने का काम बृहस्पतिवार से शुरू हो गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, स्टेशन के भीतर मुख्य प्रवेश द्वार के ऊपर, रिजर्वेशन काउंटर के ऊपर और प्लेटफार्म से लगी बिल्डिंग पर ये पेंटिंग व फ्लैक्स लगाए जाएंगे।
आईआरसीटीसी ने शुरू किया सामान पहुंचाना
दून स्टेशन से ट्रेनों की आवाजाही की तारीख नजदीक आने पर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) लिमिटेड ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। स्टेशन के स्टॉल और ट्रॉलियों पर बिकने वाले रेल नीर पानी की बोतलें और यात्री सुविधाओं से जुड़ा सामान पहुंचना भी शुरू हो गया है।
टिकट वेंडिंग मशीनों को किया जा रहा दुरुस्त
जनरल टिकटों के लिए द्वितीय श्रेणी टिकटघर परिसर और स्टेशन के भीतर मुख्य प्रवेश द्वार के अंदर लगी टिकट वेंडिंग मशीनों में से कुछ को बृहस्पतिवार को दुरुस्त कर दिया है। पिछले तीन माह तक ट्रेेनों की आवाजाही न होने के कारण इन मशीनों को बंद कर दिया गया था।
ट्रांसफर कर्मचारियों को दून पहुंचने के निर्देश
डीआरएम ने पिछले साल 11 नवंबर को ट्रांसफर किए रेलकर्मियों को तत्काल देहरादून स्टेशन भेजने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बृहस्पतिवार को आदेश संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों और उसकी एक प्रति रेलवे कर्मचारियों की यूनियनों को भेजी गई है।
एडीआरएम संग आज दून पहुंचेगी इंजीनियरों की टीम
शुक्रवार को मुरादाबाद रेल मंडल से एडीआरएम (इन्फ्रा) एनएन सिंह के साथ रेलवे के इंजीनियरों की टीम दून पहुंचेगी। इसमें इलेक्ट्रिक, सिग्नल और रेल पथ आदि इकाइयों के इंजीनियर शामिल होंगे। यह टीम स्टेशन पर व्यवस्थाएं जांचकर अपनी राय देंगी। स्टेशन निदेशक गणेश चंद ठाकुर ने बताया कि आठ तारीख से ट्रेनें चलाने की पूरी तैयारी है। ट्रांसफर कर्मचारी शुक्रवार से आने शुरू हो जाएंगे। साज सज्जा के जो कुछ कार्य शेष हैं, उन्हें ट्रेनों की आवाजाही शुरू होने के बाद जल्द पूरा किया जाएगा।